कर्पूरी ठाकुर : सामाजिक न्याय और समाजवाद का संगम
— प्रो. अजीत झा —
कुछ नेताओं का राजनीतिक पुनर्जन्म उनकी मृत्यु के बाद भी होता है। बाबा कु साहब अंबेडकर अपने जीवन काल में एक महत्वपूर्ण नेता थे। पर आज उनका राजनीतिक कद और...
दिल्ली विधानसभा दंगल जारी है!
— प्रोफेसर राजकुमार जैन —
दिल्ली विधानसभा के चुनाव का शोरगुल उफ़ान पर है। विचारधारा, सिद्धांत, नीति की जगह कपड़ा बदलने की तरह सियासत का हल्ला चारों तरफ सुनाई दे रहा है। पता नहीं कौन...
लोकपुरुष मंडल मसीहा शरद यादव: क्या भूलूं क्या याद करूं
— डॉ. जयन्त जिज्ञासु —
इस देश के वंचितों के लिए 43 वर्षों तक अनवरत संसद में आवाज़ बुलंद करने वाले, आज़ाद भारत में साढ़े चार साल जेल की यातना भोगने वाले, ज़ोर-ज़ुल्मत-वर्चस्व के ख़िलाफ़...
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा : एक विश्लेषण
— परिचय दास —
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा कनाडा की राजनीति में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ है, जिसका प्रभाव घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर महसूस किया जाएगा। ट्रूडो, जो 2015 में लिबरल...
क्या नीतीश-केजरी की राजनीति खत्म होने वाली है?
— श्रवण गर्ग —
भविष्यवाणी की जा सकती है कि विपक्ष की राजनीति में नया साल सिर्फ़ दो नेताओं के ‘निर्मम’ चमत्कारों की बलि चढ़ने वाला है। नए साल में इन दो नेताओं की सफलता-असफलता...
“न्याय का प्रतीक: जस्टिस बी. वी. नागरत्ना
— विनोद कोचर —
सुप्रीमकोर्ट की न्यायमूर्ति जस्टिस बी वी नागरत्ना अपने अनेक क्रांतिकारी,संवेदनशील और संविधान सम्मत फैसलों के लिए हमेशा सम्मानपूर्वक याद की जाएंगी। नोटबन्दी को गैरकानूनी करार देने वाली जस्टिस बी वी नागरत्ना...
‘अखंड भारत’ का आरएसएस द्वारा देखा और दिखाया जा रहा सपना असली है या...
— विनोद कोचर —
आरएसएस के हवा हवाई काल्पनिक मंसूबों वाले अखंड भारत का नक्शा नए संसद भवन में स्थापित करके, आरएसएस के प्रचारक रह चुके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो एकतरफा कदम उठाया है,...
भागवत का कहा मान लिया तो सत्ता और धार्मिक रोज़गार का क्या होगा?
— श्रवण गर्ग —
मोहन भागवत जो कह रहे हैं वे अगर उसे हक़ीक़त में बदल कर दिखा दें तो दुनिया का सबसे बड़ा पुरस्कार ‘नोबेल पीस प्राइज’ उन्हें मिल जाएगा और संघ के नेतृत्व...
लोकतंत्र में भक्ति-प्रदर्शन खतरनाक संकेत है
— प्रेमकुमार मणि —
आम्बेडकर पर भाजपा नेता और गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी को मैंने देखा-सुना. मुझे कुछ ऐसा नहीं लगा कि कोई आपत्तिजनक बात की गई है. बहस भारतीय संविधान के लागू होने...
‘मनुस्मृति-वादी’ सावरकर नहीं है संविधान की प्रेरणा, राजनाथ सिंह ने झूठ बोला!
— पंकज श्रीवास्तव —
क्या अंग्रेज़ों से फाँसी की जगह गोली से उड़ाये जाने की माँग करने वाले साम्यवादी क्रांतिकारी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह और अंग्रेज़ों से माफ़ी माँगकर जेल से छूटे और फिर उनसे पेंशन...