अंजना कृष्णा, आईपीएस का साहस: महाराष्ट्र में अवैध खनन के विरुद्ध प्रशासनिक संघर्ष और...
— परिचय दास —
महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में अवैध खनन एक ऐसी समस्या बनकर उभरी है, जो न केवल पर्यावरणीय संतुलन को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी...
पंजाब में बाढ़ का कहर और हमारी संवेदनहीनता
— केपी मलिक —
हमारे देश की पंचमेल की परंपरा और कृतघ्नता का वर्तमान में जैसे कोई अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। सिख और पंजाबी समाज की पहचान 'सेवा' और 'साझा दुख-सुख' से रही...
मोहन भागवत का शताब्दी उद्बोधन और छिपाने की कला
आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने 26-27 अगस्त 2025 को दो वक्तव्य रखे, तीसरा दिन उन्होंने प्रश्नोत्तर के लिए रखा है। इन दोनों वक्तव्यों में उन्होंने संघ की भूमिका, संघ के कार्यकर्ताओं की...
डालमियानगर : बिहार की राजनीति का सबसे बड़ा खंडहर
— अरविंद शर्मा —
बिहार में चुनाव नजदीक आते ही पुराने टेप बजाए जाने लगे हैं—“बिहार में का बा?” जो पूछ रहे हैं, उन्हें सबसे पहले अपने भीतर झांककर देखना चाहिए कि ऐसे सवाल पूछने...
शर्महीन मर्यादा के युग में – डॉ. योगेन्द्र
कल संसद का सत्र स्थगित हुआ। सभी सांसद अपने-अपने घर वापस लौटे। सरकार को जो मनमानी करनी थी, की, लेकिन पहली बार प्रधानमंत्री को विपक्ष के ज़ोरदार नारे से मुलाक़ात हुई—
“वोट चोर, गद्दी छोड़।”
ग्यारह...
सत्ता की बिल्ली के गले में घंटी बांधने में कामयाब कांग्रेस
— राकेश अचल —
वोट चोरी के मुद्दे पर देश का बिखरा विपक्ष पहली बार इतनी मजबूत से प्रकट हुआ है कि सत्ता के होश फाख्ता हो गए हैं. पिछले 11 साल में विपक्ष वोट...
इन दिनों आओ राजा, हम ढोयेंगे पालकी
— डॉ. योगेन्द्र —
‘आओ राजा, हम ढोयेंगे पालकी।’ नीतीश कुमार, जीतनराम मांझी, चिराग़ पासवान, उपेंद्र कुशवाहा आदि राजा की पालकी ढो रहे हैं। राजा पब्लिक सेक्टर को ख़त्म कर रहा है। सरकारी स्कूल, कॉलेज...
नेहरू के राधाकृष्णन और मोदी के राधाकृष्णन
— राकेश अचल —
भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को पानी पी पीकर भले ही कोसते हों लेकिन संकट की हर घडी में नेहरू ही भाजपा और मोदी...
उपराष्ट्रपति पद के एनडीए उम्मीदवार श्री सी.पी. राधाकृष्णन
— परिचय दास —
।। एक ।।
भारतीय राजनीति में हर संवैधानिक पद की उम्मीदवारी केवल एक औपचारिकता नहीं होती बल्कि गहरे राजनीतिक संकेतों और व्यापक रणनीतिक संदेशों से जुड़ी होती है। जब एनडीए ने श्री
चंद्रपुरम...
कब रुकेगा केंद्र और सर्वोच्च न्यायालय का टकराव
— राकेश अचल —
देश के सर्वोच्च न्यायालय और केंद्र के बीच का टकराव भी अब सनातन हो चला है. ये टकराव कांग्रेस की सरकारों के समय भी था और आज भाजपा की लंगडी सरकार...















