ऐसे कायर न बनो, फिलिस्तीन को मान्यता दो
— राकेश अचल —
भारत सनातन देश है और शुरू से उसकी विदेश नीति बहुत स्पष्ट रही है. भारत ने हमेशा से शरणागति और निबल का बल होने के मूल्यों की रक्षा की है लेकिन...
इन दिनों पूंजीपति, रामभद्राचार्य और गिद्ध
— डॉ योगेन्द्र —
सामान्य- सी सुबह । रांची की सड़कों पर चाय और फल वाले । कच्चे नारियल के अनेक ठेले। ऊँची बिल्डिगें और उन पर कोचिंग के अनेक पोस्टर । रांची के दो...
ज्ञानेश कुमार : कितनी और जिल्लत झेलोगे?
— राकेश अचल —
ज्ञानेश कुमार भारत के भले ही 26 वें मुख्य चुनाव आयुक्त हैं लेकिन वे सबसे ज्यादा जिल्लत झेलने वाले पहले मुख्य चुनाव आयुक्त हैं, जिके ऊपर सरकारी पार्टी के लिए वोट...
भगवान के मामले में क्यों सुनवाई करे सुप्रीमकोर्ट ?
— राकेश अचल —
चलिए एक तरह से अच्छा हुआ कि सुप्रीमकोर्ट ने ये साफ कर दिया कि वो भगवान के मामले में कोई सुनवाई नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने खजुराहो में भगवान विष्णु की...
विचारधारा की आग आज भी सुलग रही है!
— प्रोफेसर राजकुमार जैन —
1934 में स्थापित "कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी" से पैदा हुआ समाजवादी विचार दर्शन का लावा कभी ठंडा नहीं पड़ा, यह दीगर बात है कि वक्त के थपेड़ों से कभी मंद तथा...
नेपाल में लोकतंत्र की लड़ाई: प्रधान मंत्री के पी शर्मा ओली का इस्तीफा और...
— परिचय दास —
केपी शर्मा ओली का इस्तीफा केवल राजनीतिक घटना नहीं बल्कि नेपाल के वर्तमान सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक परिदृश्य का भी सूचक है। 2025 में नेपाल में सामाजिक मीडिया प्रतिबंध को...
नये धनकड का चुनाव और अंतिम पंक्ति में मोदीजी
— राकेश अचल —
मेरे लिए मोदीजी यानि अपने प्रधानमंत्री उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने मोदीजी के लिए नेहरूजी. मोदीजी से दुखी मेरे अनेक पाठकों ने मुझसे कहा है कि उन्हे वे लेख न भेजे...
अंजना कृष्णा, आईपीएस का साहस: महाराष्ट्र में अवैध खनन के विरुद्ध प्रशासनिक संघर्ष और...
— परिचय दास —
महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में अवैध खनन एक ऐसी समस्या बनकर उभरी है, जो न केवल पर्यावरणीय संतुलन को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी...
पंजाब में बाढ़ का कहर और हमारी संवेदनहीनता
— केपी मलिक —
हमारे देश की पंचमेल की परंपरा और कृतघ्नता का वर्तमान में जैसे कोई अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। सिख और पंजाबी समाज की पहचान 'सेवा' और 'साझा दुख-सुख' से रही...
मोहन भागवत का शताब्दी उद्बोधन और छिपाने की कला
आरएसएस के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने 26-27 अगस्त 2025 को दो वक्तव्य रखे, तीसरा दिन उन्होंने प्रश्नोत्तर के लिए रखा है। इन दोनों वक्तव्यों में उन्होंने संघ की भूमिका, संघ के कार्यकर्ताओं की...
















