रेनू गंभीर के न रहने पर!

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— प्रोफेसर राजकुमार जैन — इंडियन क्रिश्चियन सिमेट्री,पंचकुइया रोड, पहाड़गंज मे रेनू गंभीर के पार्थिव शरीर को जब कब्र में रखा जा रहा था,दुख और...

उस दिन मुझे पहली बार पान खाने, ज़ोरदार क़हक़हे लगाने और...

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— प्रोफेसर राजकुमार जैन — (भाग-2)  मैं उर्दू लिपि से वाकिफ़ नहीं हूं, लेकिन मैं अज़ीम अख़्तर का उस मायने में शुक्रगुजार हूं के इन्होंने हिंदी...

अज़ीम (शानदार’) हक़ीक़त में अज़ीम है!दिल्ली-6 की चारदिवारी जिसको फ़ासीलि शहर...

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— प्रोफेसर राजकुमार जैन — यहां के बाशिंदे, आम-तौर पर अपने रोज़मर्रा के कारोबार, धंधों-पेशो, नौकरी वगैरहा से फ़ारिग होकर शाम को पान खाने, बीड़ी-सिगरेट,...

वह ईमानदार और निर्भीक थे

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— विनोद कोचर — नरसिंहगढ़ की छोटी सी जेल में मुझे करीब 19 महीनों तक उनका साथ मिला था। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सबसे पहले 'जनता...

मुलताई गोलीकांड की कहानी डॉ सुनीलम की जुबानी

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आज से 25 साल पहले 12 जनवरी, 1998 के दिन बैतूल जिले के मुलताई तहसील के ग्राम सोनेगांव से साढे़ ग्यारह बजे मैं निकला...

नया साल मुबारक ! सब कुछ ठीक तो है न?

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— श्रवण गर्ग — नए साल का स्वागत हमें खुशियाँ मनाते हुए करना चाहिए या कि पीड़ा भरे अश्रुओं के साथ? लोगों की याददाश्त में...

प्रकृति प्रेमी किशोर सन्त विचारों से समाजवादी व गांधीवादी थे

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— हिम्मत सेठ — पिछले दिनों किशोर संत जिनका पूरा नाम चन्द किशोर संत है, का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उदयपुर...

खबर अखबार की

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— अच्युतानंद किशोर 'नवीन' — कल प्रेमपाल शर्मा जी के पोस्ट से जानकारी मिली कि बेंगलुरु स्टेशन पर अखबार कहीं नहीं मिलता है। अमूमन सारे...

कंबोडिया के ये भग्नावशेष!

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— रमाशंकर सिंह — कंबोडिया में विश्व का सबसे बड़ा विष्णु मंदिर (किसी भी हिंदू देवता का मंदिर) था कई किमी में फैला हुआ और...

एक मुल्क दो दुनिया

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— रघु ठाकुर — हवाई जहाज की यात्रा मेरे जैसे लोगों के लिए किसी छोटे-मोटे युद्ध जैसी होती है। मैंने बेंगलुरु जाने के लिए यशवंतपुर...