Home » NAPM की ओर से ज्ञापन

NAPM की ओर से ज्ञापन

by Rajendra Rajan
0 comment 11 views

6 मई। कोरोना महामारी के चलते इंदौर संभाग के सभी जिलों में लोग परेशान हैं। लॉकडाउन के चलते जहां लोगों का रोजगार छिन गया है वहीं बीमारी के नाम पर लोग निजी अस्पतालों और डॉक्टरों की लूट का शिकार हो रहे हैं।सरकारी व्यवस्थाएं पूरी तरह से फेल हैं। इन सब समस्याओं को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता और एनएपीएम वर्किंग ग्रुप की सदस्य मेधा पाटकर के नेतृत्व में इंदौर, खरगोन, बड़वानी, धार जिलों के लोगों से मिलने के बाद उनसे जो जानकारियां मिली हैं उन्हें लेकर इंदौर के संभाग आयुक्त को सुझाव देते हुए ज्ञापन भेजा गया है। मेधा पाटकर के साथ रामबाबू अग्रवाल, रामस्वरूप मंत्री, एसके चौबे आदि भी थे।

ज्ञापन में मांग की गई है कि गांव में ही कोरोना इलाज की समुचित व्यवस्था की जाय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सभी तरह की निशुल्क जांच तथा एक्सरे आदि की व्यवस्था हो, महाराष्ट्र और दिल्ली की तरह फुटकर मजदूरों, फुटपाथ दुकानदारों, रिक्शाचालकों व अन्य श्रमिक वर्ग को ₹5000 राहत राशि दी जाए, कोरोना से बचाव के लिए गांव स्तर और पंचायत स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जाए, सांसद और विधायक निधि से हर तहसील व कस्बे में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जाए, निजी अस्पतालों को भी शासन अपने अधीन लेकर लोगों को सस्ता इलाज उपलब्ध कराए, असंगठित मजदूर कानून के तहत सभी मजदूरों का पंजीयन अनिवार्य किया जाए, वैक्सीन का पहला डोज तभी लगाया जाए जब दूसरे डोज की निश्चिंतता हो तथा वैक्सीन लगाने से पूर्व कोविड टेस्ट भी कराया जाए।

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि हर तहसील में शासकीय कोविड-19 सेंटर्स की संख्या बढ़ाना जरूरी है। इसके लिए शासकीय भवनों के अलावा निजी होटल जैसी कुछ इमारतों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। मसलन, महेश्वर के सुभाष पाटीदार ने रॉयल रेसिडेंसी को कोविड-19 सेंटर में स्वयं प्रेरणा से परिवर्तित किया है। मगर खेड़ी तहसील कसरावद में नया अस्पताल बनकर जाने और एक महीना पहले उद्घ़ाटन हो जाने के बाद भी उसे चालू नहीं किया गया है। खेड़ी के पेशेंट को 60 किलोमीटर दूर खरगोन भेजा जा रहा है,जबकि ठीकरी भी 3 किलोमीटर पर है। नए अस्पताल के सामने शराब की दुकान चालू है कृपया हस्तक्षेप करें।
हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ बेड कोविड के लिए आरक्षित रखने से इस विकेंद्रित व्यवस्था का लाभ ग्रामीण क्षेत्र के लोग ले सकेंगे।

गांव गांव में कोविड-के संबंध में जागृति का कार्य सभी सामाजिक संस्थाओं को साथ लेकर पंचायत सचिव, आशा कर्मचारी, नर्सेस, शिक्षक आदि के समन्वय से करना जरूरी है। हर तहसील में एक ऑक्सीजन प्लांट हो ताकि तहसील की जरूरत वहीं पूरी हो। और भले निजी कंपनियां अस्पताल लगाएं, विशेष परिस्थितियों में शासन ही उसे अपने नियंत्रण में रखे।

इंदौर की जानी-मानी सामाजिक संस्था मारुति नंदन बालाजी सेवा संस्थान की ओर से जरूरतमंदों को आक्सीजन मुहैया कराने का काम किया जा रहा है। इसी क्रम में पिछले दिनों निमाड़ क्षेत्र के लिए आक्सीजन मशीन मेधा पाटकर जी को भेंट की गई।

रामस्वरूप मंत्री

You may also like

Leave a Comment

हमारे बारे में

वेब पोर्टल समता मार्ग  एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।

फ़ीचर पोस्ट

Newsletter

Subscribe our newsletter for latest news. Let's stay updated!