5 दिसंबर। हजारों लोगों की जान लेने वाली भोपाल गैस त्रासदी की 38वीं बरसी पर शनिवार को पीड़ितों सहित हजारों लोगों ने भोपाल में बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने की ओर पैदल रैली निकाली। दूसरी ओर हजारों पीड़ितों ने नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। विदित हो, कि भोपाल में दो-तीन दिसंबर 1984 की रात में यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक कारखाने से निकली जहरीली गैस ने हजारों लोगों की जान ले ली थी। इसे दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक माना जाता है। मध्य प्रदेश की राजधानी में शनिवार को लोगों ने यहाँ बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने की ओर पैदल रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने, जिनमें इस त्रासदी के पीड़ित भी शामिल थे, अमेरिका विरोधी और डॉव केमिकल्स विरोधी संदेशों के साथ तख्तियां लेकर मार्च किया तथा पीड़ितों के लिए न्याय की माँग की।
गैस त्रासदी से प्रभावित लोगों के लिए उचित इलाज की माँग के साथ कहा, कि राज्य सरकार को उच्चतम न्यायालय को मृतकों का सही आँकड़ा देना चाहिए। न्यायालय त्रासदी के संबंध में एक उपचारात्मक याचिका (क्यूरेटिव पिटीशन) पर सुनवाई कर रहा है। प्रदर्शनकारियों ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि आरोपियों को सजा मिले। हम यह भी माँग करते हैं कि बंद कारखाने में और उसके आसपास पड़े जहरीले कचरे का भूमिगत जल में जो रिसाव हो रहा है, उसे हटाया जाए।’’ वहीं हजारों पीड़ितों ने शनिवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया और माँग की कि सरकार आपदा से होने वाली मौतों और स्वास्थ्य संबंधी खतरों के सटीक आँकड़े पेश करे।
त्रासदी के 40 हजार बचे लोगों द्वारा हस्ताक्षरित याचिका में यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल से अतिरिक्त मुआवजे की माँग की गई है। जिसकी सुनवाई 10 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच द्वारा की जाएगी। भोपाल गैस पीड़ितों के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने वाली एडवोकेट करुणा नंदी और दलित श्रमिक अधिकार कार्यकर्ता नोदीप कौर सहित अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां और आम नागरिक, पीड़ितों के लिए, न्याय की माँग को लेकर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
(‘मेहनतकश’ से साभार)