“न्याय का प्रतीक: जस्टिस बी. वी. नागरत्ना
— विनोद कोचर —
सुप्रीमकोर्ट की न्यायमूर्ति जस्टिस बी वी नागरत्ना अपने अनेक क्रांतिकारी,संवेदनशील और संविधान सम्मत फैसलों के लिए हमेशा सम्मानपूर्वक याद की जाएंगी। नोटबन्दी को गैरकानूनी करार देने वाली जस्टिस बी वी नागरत्ना...
‘अखंड भारत’ का आरएसएस द्वारा देखा और दिखाया जा रहा सपना असली है या...
— विनोद कोचर —
आरएसएस के हवा हवाई काल्पनिक मंसूबों वाले अखंड भारत का नक्शा नए संसद भवन में स्थापित करके, आरएसएस के प्रचारक रह चुके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो एकतरफा कदम उठाया है,...
भागवत का कहा मान लिया तो सत्ता और धार्मिक रोज़गार का क्या होगा?
— श्रवण गर्ग —
मोहन भागवत जो कह रहे हैं वे अगर उसे हक़ीक़त में बदल कर दिखा दें तो दुनिया का सबसे बड़ा पुरस्कार ‘नोबेल पीस प्राइज’ उन्हें मिल जाएगा और संघ के नेतृत्व...
लोकतंत्र में भक्ति-प्रदर्शन खतरनाक संकेत है
— प्रेमकुमार मणि —
आम्बेडकर पर भाजपा नेता और गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी को मैंने देखा-सुना. मुझे कुछ ऐसा नहीं लगा कि कोई आपत्तिजनक बात की गई है. बहस भारतीय संविधान के लागू होने...
‘मनुस्मृति-वादी’ सावरकर नहीं है संविधान की प्रेरणा, राजनाथ सिंह ने झूठ बोला!
— पंकज श्रीवास्तव —
क्या अंग्रेज़ों से फाँसी की जगह गोली से उड़ाये जाने की माँग करने वाले साम्यवादी क्रांतिकारी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह और अंग्रेज़ों से माफ़ी माँगकर जेल से छूटे और फिर उनसे पेंशन...
भ्रष्टाचार के सगुण चेहरे
भ्रष्टाचार के कारण सारी व्यवस्था त्रस्त है| इसके उन्मूलन के लिए संसद से सड़क तक बहस छिड़ गई है| डॉ लोहिया कहा करते थे की दृष्टि दिशा और संकल्प-तीनों का होना अनिवार्य है| भ्रष्टाचार...
मंदिर-मस्जिद विवाद
— विनोद कोचर —
मंदिर-मस्जिद विवाद पर दिए गए अंतरिम आदेश को पारित करते हुए सुप्रीमकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा है कि,' हमने यह आदेश सामाजिक सद्भाव और शांति बनाए रखने के...
सामाजिक एवं धार्मिक क्रांतियों के बाद ही राजनीतिक क्रांतियां होती हैं
— विनोद कोचर —
डॉ भीमराव आंबेडकर ने अपनी ऐतिहासिक महत्व की किताब, 'जातिभेद का उच्छेद' में प्रमाण सहित ये दावा किया है कि, "...इतिहास इस सिद्धांत का समर्थन करता है कि सामाजिक एवं धार्मिक...
नरम हिंदुत्व कार्ड
— विनोद कोचर —
नरम हिंदुत्व'का जो कार्ड, कांग्रेस उत्तर भारत मे खेल रही है, उसमें लोहिया वादी सर्वसमावेशी, धर्मनिरपेक्ष,जाति और पंथ निरपेक्ष उदार हिंदुत्व का कोई भी लक्षण नजर नहीं आता।इसका दूरगामी दुष्परिणाम कांग्रेस...
क्या समाज ने राजनीति को अत्यधिक महत्त्व दे रखा है?
— परिचय दास —
।। एक।।
राजनीति का समाज में महत्त्व एक जटिल और गहराई से जुड़ा हुआ मुद्दा है, जो सदियों से हमारे सामाजिक ढांचे और संस्कृति का हिस्सा रहा है। राजनीति केवल सत्ता और...