राजनीति

Mohan Bhagwat

सुप्रीम कोर्ट के तार्किक फैसले से असहज आरएसएस, तर्कहीन परंपराओं के समर्थन में उतरा!

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— विनोद कोचर — स्त्रियों का (10 से 50 ही वर्ष) सबरीमाला (केरल)मंदिर में प्रवेश वर्जित रखने की बरसों पुरानी कुप्रथा को गैर कानूनी करार देकर स्त्रियों के लिए भी पुरुषों की भांति मंदिर प्रवेश...
35 years of Bhagalpur riots and the story of Bahraich riots

भागलपुर दंगे के 35 साल और बहराइच दंगे की दास्तान

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— डॉ. सुरेश खैरनार — साथियो यही अक्तुबर का महिना है जिसमें 24 अक्तुबर 1989 को शुरू किया गया भागलपुर दंगे को 35 साल पुरे हो रहे हैं ! और अभी हालहि में उत्तर प्रदेश...
Priyanka Gandhi

सुरक्षित वायनाड से प्रियंका गांधी का चुनाव लड़ना पार्टी को कमजोर करेगा

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— रमाशंकर सिंह — एक समय वह भी था, भारत की राजनीति में जब मुश्किल बहुत मुश्किल सीटों से बड़े नेता चुनाव लड़ते थे और फिर भी ज्यादा बल्कि दो तीन दिन छोड़कर सारा समय...

भारतीय समाज में जातिवाद

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— शिवानन्द तिवारी — भारत सरकार के मंत्री और बिहार भाजपा के फ़ायर ब्रांड नेता हिंदू सनातनियों को संगठित करने के लिए बिहार की यात्रा पर निकलने वाले हैं. आजकल सनातन की बहुत चर्चा है....

हरियाणा चुनाव परिणाम

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— रमाशंकर सिंह — हरियाणा की हार को ईवीएम की रिमोटचलित काल्पनिक गड़बड़ी पर थोपने का अर्थ है कि कांग्रेस अपनी आंतरिक गुटबाज़ी, चुनावी रणनीतिक समझ की कमी, दंभ अंहकार से बजबजाते आंचलिक नेताओं पर...

सरकारे हमेशा के लिए नहीं होती !

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— रमाशंकर सिंह — मो शा को यदि विकल्प दिया जाता कि हरियाणा और जम्मू कश्मीर में से कोई एक राज्य ही जीत सकते हो तो वे दोनों पल भर में निःसंकोच कश्मीर चुनते कि...
JP Movement and Indian Democracy

जेपी आंदोलन और भारतीय लोकतंत्र

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— शिव दयाल — जयप्रकाश नारायण सन् 1974 में छात्रों-युवाओं के साथ आमजन के पक्ष में, और एकाधिकारी, दमनकारी सत्ता के विरोध में खड़े हुए तो भारतीय लोक के प्रतिनिधि ही नहीं, लोकनायक बन गए।...
Caste in Indian prisons

भारत की जेलों में जाति

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— शिवानंद तिवारी — देश की जेलों में जाति के आधार पर काम का बँटवारा होता है. जेल के निर्माण के समय से ही भारत की जेलों मेँ यह प्रथा चली आ रही है. लेकिन...
left and right

छिपी हुई अर्जियों ‘वाले बुद्धिजीवी’

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— राम जन्म पाठक — वैसे तो 2014 के बाद अंग्रेजी और हिंदी ( और शायद दूसरी भाषाओं के) भी कुछ ''बुद्धिजीवियों'' ने अपनी विचार-पीठिका से पाला-बदल किया है। जिस विचारधारा के लिए लंबे समय...

आशा है मुख्यमंत्री आतिशी दिल्ली में जनहितकारी कार्यों से नया इतिहास रचें

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— रमाशंकर सिंह —  आतिशी मार्लेना दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रेष्ठ( तम ) कॉलेज सैंट स्टीफ़न्स की टॉपर हैं। आगे की उच्च शिक्षा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों जैसे आक्सफोर्ड युनिवर्सिटी से पूरी छात्रवृत्ति पाकर हुई और...