पुस्तक मेला लोकार्पण मेला में सीमित हो रहा है

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— शंभूनाथ — अब लेखक, शिक्षक और हिंदी अधिकारी सामान्यतः पुस्तकें नहीं खरीदते! पुस्तक मेला हमारे समाज की एक बड़ी घटना है। इसमें बड़ी संख्या...

मूल्यवर्धन सृजन के आचार्य नंदकिशोर

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— अरुण कुमार त्रिपाठी — हिंदी समाज में कम ऐसे लेखक और विचारक हैं जिनका सृजन और चिंतन सभ्यतामूलक है। नंदकिशोर आचार्य उन बिरले लोगों...

बापू के सपनों का भारत और आज का भारत

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प्रयाग के लब्धप्रतिष्ठ साहित्यिक श्री माधव शुक्ल (1881 - 1943) ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में आरम्भ हुये असहयोग आन्दोलन से प्रेरित होकर 1921...

ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान

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— श्रीनिवास — ईश्वर, अल्लाह, गॉड या किसी नाम की अलौकिक सत्ता के अस्तित्व में मैं विश्वास नहीं करता. फिर भी गांधी के प्रिय भजन...

ओ अग्निमय नायक तुम कहां हो ?

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— कनक तिवारी — 23 जनवरी भारतीय युवाओं के सिरमौर नेताजी सुभाषचंद्र बोस से आत्म साक्षात्कार का दिन है। अग्निमय नायक सुभाष बोस राष्ट्रीय स्वाधीनता...

समाजवाद के सर्वप्रिय नायकः जननायक कर्पूरी ठाकुर

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— प्रो. रणधीर गौतम — जब भारतीय समाजवाद विचारधारा के रूप में बड़ी चुनौतियों आक कर रहा है तब समाजवादी विरासत के महान सेनानियों की...

महात्मा गांधी के प्रति नेताजी का नजरिया

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— विनोद कोचर — नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती है|सारा देश उन्हें याद कर रहा है|आजादी हासिल करने के लिए हिंसा के मार्ग पर चलने...

धरती और बीज : भारतीय ज्ञान परंपरा

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भारतीय ज्ञान परंपरा की चर्चा चल रही है किंतु यह बात कम ही लोगों को मालूम होगी कि कपिलावात्स्यायन जी का संकल्प ही भारतीय...

भारतीय ज्ञान परंपरा अतीत की कैदी नहीं है

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— शंभूनाथ — भारत, भारतीय संस्कृति और दर्शन पर पहले भी चर्चा होती थी। लेकिन भारतीय ज्ञान परंपरा पर चर्चा कई बार अपने दरवाजे-खिड़कियां बंद...

मैत्री के बिना रीता रह जाएगा महाकुंभ

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— अरुण कुमार त्रिपाठी — बड़ी साध थी कि महाकुंभ जाऊं। लेकिन लगता है कि अपना घटकुंभ अभी कांचा है इसलिए इसे अभी पकाना और...