25 सितंबर। आंध्र प्रदेश के चित्तूर स्थित एक फैक्टरी में रविवार देर रात आग लग गई। इसमें तीन मजदूरों जिंदा जल गए। कुछ श्रमिक हादसे में घायल हुए हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विदित हो, कि फैक्ट्री में पेपर प्लेट का निर्माण किया जाता था। मामले में छानबीन जारी है। पुलिस ने संदेह जताया है, कि यह आग शार्ट सर्किट की वजह से लगी। मामला दर्ज कर लिया गया है, और पूरे मामले की जाँच जारी है। मृतकों की पहचान भास्कर (65), दिल्ली बाबू (35) और बालाजी (25) के रूप में हुई है, जब शॉर्ट सर्किट के कारण लगने वाली आग लगने के कारण दोमंजिला इमारत के अंदर फंस गए थे।
गौरतलब है, कि कार्य स्थल पर सुरक्षा इंतजामों का नामोनिशान नहीं है। कम्पनी मालिक सिर्फ अपने उत्पादन को बढ़ाने की ओर ध्यान दे रहा है, जिसके कारण कार्यस्थल पर मजदूरों के मौत के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। भारत में काम के दौरान मजदूरों की मौत के आँकड़े भी हैरान करने वाले हैं। फैक्ट्रियों में होने वाली दुर्घटनाओं में हर साल सैकड़ों मजदूर काल के गाल में समा जाते हैं, और हजारों की संख्या में मजदूर अपाहिज हो जाते हैं। साल 2021 में सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी के अनुसार पाँच सालों में कम से कम 6500 मजदूर कार्य स्थल पर मारे गए हैं। हालांकि इस क्षेत्र में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है, कि यह संख्या इससे बहुत ज्यादा हो सकती है, क्योंकि कई मामले रिपोर्ट नहीं किए जाते या उनका कोई रिकॉर्ड नहीं होता है।