सर्व सेवा संघ परिसर पर जबरन सरकारी कब्जे के विरोध में हुई प्रतिरोध सभा

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23 जुलाई. वाराणसी में राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ परिसर को पुलिस बल प्रयोग से प्रशासन और रेलवे द्वारा खाली कराए जाने के विरोध में गांधीजनों और वाराणसी के राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रतिरोध सभा व प्रतिरोध मार्च का आयोजन शास्त्री घाट पर किया.

सभा में वक्ताओं ने प्रशासन की कार्रवाई को सरसर अन्यायपूर्ण और विधि विरुद्ध बताया. गांधी स्मारक निधि के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ गांधीवादी चिंतक रामचन्द्र राही ने कहा कि यह कार्रवाई न्यायालय की अवमानना है. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से अपना पक्ष रखने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं की शांति भंग की धारा में चालान कर जेल भेजना हास्यास्पद है, सरकार को उन्हें बिना शर्त रिहा करना चाहिए.

घटना का जिक्र करते हुए समाजवादी जन परिषद के अफलातून ने कहा कि शनिवार को सुबह 7 बजे रेलवे और जिला प्रशासन की तरफ से सैकड़ों की संख्या में पुलिसबल और सफाईकर्मी बिना किसी आदेश या नोटिस के परिसर में आ गये और जबरिया क्रूरतापूर्वक सभी आवासों से सामान बाहर फेंक दिए. करोड़ों रुपए मूल्य की किताबें बाहर खुले में बारिश में भीगने के लिए फेंक दी गयीं, जिनमें बहुत-सी पुस्तकें दुर्लभतम हैं. पुलिस प्रशासन और रेलवे की इस संयुक्त कार्रवाई के दौरान किसी को भी बाहर से आने जाने पर रोक लगा दी गयी थी और परिसर की बिजली भी काट दी गयी थी. मीडिया का भी प्रवेश प्रतिबंधित था. प्रशासन का यह कृत्य अलोकतांत्रिक और अवैधानिक है.

कांग्रेस नेता प्रजानाथ शर्मा ने कहा कि सरकार गांधी, विनोबा और जेपी के विचारों से डरती है और उनसे जुड़े स्मारकों और पुस्तकों को नष्ट करने पर आमादा है.

इस अवसर पर वक्ताओं ने घटना पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि हमें ऐसी घटनाओं का प्रबल विरोध दर्ज कराना ही होगा इसलिए आगामी मंगलवार 25 जुलाई को बड़ी संख्या में शास्त्री घाट पर जुटकर प्रशासन को चेतावनी दे जाएगी. फादर आनंद, रंजू सिंह, जगन्नाथ कुशवाहा, वल्लभाचार्य पाण्डेय, गगन प्रकाश, मनीष, राधा बहन आदि ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये.

सभा की अध्यक्षता डा नीति भाई, संचालन धनंजय और धन्यवाद ज्ञापन संजीव सिंह ने किया.

सभा के बाद उपस्थित लोगों ने प्रतिरोध मार्च निकाला और अम्बेडकर पार्क पहुंचे जहाँ राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन पढ़ कर सुनाया गया जिसमें प्रमुखता से मांग की गयी कि मामले को संज्ञान में लेते हुए महामहिम राष्ट्रपति महोदया तत्काल हस्तक्षेप करें और राष्ट्रीय महत्व की इस संस्था को बर्बाद करने की सम्बन्धित विभागों की गतिविधि पर अंकुश लगायें. ज्ञापन प्राप्त करने जिले के किसी सक्षम अधिकारी के न आने के कारण ज्ञापन को पोस्ट द्वारा राष्ट्रपति भवन भेजा गया.

कार्यक्रम में जागृति राही, अनूप श्रमिक, इंदू पाण्डेय, सुरेश राठौर, मनीष शर्मा, रवि शेखर, एकता सिंह, महेंद्र राठौर, अशोक भारत, डॉ आनंद प्रकाश तिवारी, प्रो विजय, अजय पाल, ओमप्रकाश अरुणा, डॉ मोहम्मद आरिफ, रंजीत कुमार, संतोष कुमार, विनोद जायसवाल सहित सैकड़ों लोगों की भागीदारी रही.

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