औरंगजेब के प्रति महात्मा गांधी का नजरिया
— अव्यक्त —
1 नवंबर, 1931 की सुबह थी. लंदन में गुलाबी ठंड पड़ने लगी थी. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के पेम्ब्रोक कॉलेज में एकदम सुबह से...
डॉ आंबेडकर ने भारत में बौद्ध धर्म को पुनर्जीवित किया!
— विनोद कोचर —
बौद्ध धर्म के मतावलंबियों की तादाद बढ़ते देखकर, उसके प्रभाव को खत्म करने के लिए ही, सातवीं-आठवीं शताब्दी के दौरान आदि...
लोक वासना – बाबा विनोबा
लोग हमे भला कहे, सर्वत्र हमारी किर्ति हो, सभी हमे इज्जत दे यह बड़ी दुर्बलता है वासनाये तीन प्रकार की होती हैl पुत्र वासना,...
चकाचौंध: अनैतिक सत्ता का दंभ है यह दीपोत्सव
— रमाशंकर सिंह —
छुटपन से ही रामचरितमानस का पारायण करते हुये और बाद में भी श्रीरामचरित को समझते हुये जितना जैसा मैं रामायण के...
स्वतंत्रता सेनानी और सांप्रदायिक सद्भाव के योद्धा गणेश शंकर विद्यार्थी
इस समय, देश में धर्म की धूम है। उत्पात किये जाते हैं, तो धर्म और ईमान के नाम पर और जिद की जाती है,...
कस्तूरबा गाँधी का जीवन
— सुजाता चौधरी —
भारतीय उपनिषदों के दर्शन में अर्धांश आत्मा की चर्चा की गई है, यानी किसी किसी दम्पत्ति में पति पत्नी दोनों में...
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कैसे बनाई थी यह सरकार?
— विनोद कोचर —
सुभाष चंद्र बोस को गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी मां भारती के एक सच्चे सपूत का दर्जा हासिल है। उन्होंने 1943...
रामायण के पुतले बनाने वालों को आर्थिक मंदी का सामना क्यों...
— परिचय दास —
रामायण के पुतले बनाने वाले कारीगर भारत की पारंपरिक कला और संस्कृति के महत्त्वपूर्ण धरोहर हैं। उनके द्वारा बनाए गए पुतले...
जय प्रकाश नारायण और मधु लिमये
11 अक्टूबर 1902 को जन्मे, लोकनायक जयप्रकाश नारायण का 117वां जनमदिन है।उनके नेतृत्व में चलाए गए1974-75के सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन से उठे भूचाल में तत्कालीन...
इंदिरा की नज़रों में जेपी की हैसियत आम आदमी जितनी ही...
— श्रवण गर्ग —
लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) का आज (ग्यारह अक्टूबर) जन्मदिन है। तीन दिन पहले आठ अक्टूबर को उनकी पुण्य तिथि थी। सोचा...
















