आपातकाल का इतिहास और उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

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— डॉ शुभनीत कौशिक — इतिहासकार ज्ञान प्रकाश ने हाल ही में भारत में आपातकाल (1975-1977) के इतिहास पर एक बेहतरीन पुस्तक लिखी है, शीर्षक...

गांधीजी के नोआखाली के मार्मिक प्रसंग

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महात्मा गांधी ने अगस्त 1946 में नोआखाली जाने का फैसला किया। वे मार्च 1947 तक नोआखाली में रहे।नोआखाली नरसंहार ने समूचे हिंदुस्तान को स्तब्ध...

भला इंसान चला गया!

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— प्रोफेसर राजकुमार जैन — साथी सीताराम येचुरी को गंभीर हालत में ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस में भर्ती की खबर से परेशानी हुई‌...

विश्वगुरु के देश में अन्याय और ज़ुल्म का आलम

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— शिवानंद तिवारी — विश्व गुरु के देश में महाकाल के शहर उज्जैन में दिन-दहाड़े एक ग़रीब महिला के साथ बलात्कार हुआ. लेकिन किसी ने...

यादों में ज़िन्दगी, मुक्तिबोध से मुक्ति नहीं

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— श्री कनक तिवारी — दिग्विजय काॅलेज की बहुत सी यादें हैं। वे लेकिन उलझती रहती हैं। गड्डमगड्ड होती रही हैं। एक दूसरे पर चढ़ी...

आज विनोबाजी के 129 वीं जयंती के बहाने!

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— डॉ. सुरेश खैरनार — विनोबाजी के बारे में 1973-75 के दौरान हुए जेपी आंदोलन में उनकी भूमिका को लेकर मैं बेहद नाराज़ था। लेकिन...

हिन्दी व भारतीय भाषाओं की गतिकी के आयाम

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— रवींद्रनाथ श्रीवास्तव "परिचय दास" — भाषा का अधिग्रहण एक गतिशील व जटिल कार्य है। सामाजिक व पारिवारिक संदर्भ में देखें तो भाषा का अधिग्रहण...

एक सितारा ओझल हो गया!

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— प्रोफेसर राजकुमार जैन — हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की महान कलाकार, स्वरसाधिका मालिनी राजूरकर के इंतकाल की खबर मिली। तकरीबन 40 साल से अधिक समय...

प्रो. शेखर सोनालकर : एक जुझारू सेनानी

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— रजिया पटेल — वरिष्ठ समाजवादी कार्यकर्ता और जलगांव के एम.जे. कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर शेखर सोनालकर का 4 अगस्त 2023 को 72 वर्ष की...

हमें फख्र है अपने सोशलिस्ट साथियों पर

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— प्रोफेसर राजकुमार जैन — हमारे हैदराबाद के पुराने सोशलिस्ट साथी गोपाल सिंह (रिटायर्ड जज) ने कल सोशल मीडिया पर एक ग्रुप फोटो प्रकाशित किया...