1 फरवरी। संयुक्त किसान मोर्चा, उत्तर प्रदेश की राज्य इकाई की वर्चुअल बैठक हुई जिसमें सरकार की वादाखिलाफी के बाद किसान विरोधी भाजपा को सबक सिखाने के लिए मिशन उत्तर प्रदेश को प्रभावी बनाने पर विचार विमर्श किया गया।
बैठक में शुरू में विशेष आमंत्रित संयुक्त किसान मोर्चा की केन्द्रीय समन्वय समिति के सदस्य डा. दर्शनपाल, हन्नान मौला व जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 15 जनवरी को दिल्ली में हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के निर्णयों का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया। मोर्चे के कार्यक्रम व भविष्य की दिशा पर कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए। मोर्चे ने घोर निराशा और रोष व्यक्त किया कि भारत सरकार के 9 दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर हमने मोर्चे उठाने का फैसला किया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है।
आंदोलन के दौरान हुए केसों को तत्काल वापिस लेने के वादे पर हरियाणा सरकार ने कुछ कागजी कार्यवाही की है लेकिन केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल सरकार की तरफ से नाममात्र की भी कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। बाकी राज्य सरकारों को केंद्र सरकार की तरफ से चिट्ठी भी नहीं गयी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक शहीद किसानों को मुआवजा भी नहीं दिया गया। लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या का साजिशकर्ता अजय मिश्र टेनी आज भी केंद्र सरकार में मंत्री है। ऐसे में देश भर के किसानों की राय पर संयुक्त किसान मोर्चा ने यह निर्णय लिया है कि “मिशन उत्तर प्रदेश” जारी रहेगा, जिसके जरिए इस किसान विरोधी राजनीति को सबक सिखाया जाएगा।
बैठक में उपस्थित किसान संगठनों के सभी प्रतिनिधियों ने समूचे उत्तर प्रदेश में मिशन यूपी को तेज करने के प्रति एकजुटता जाहिर की। देश भर के तमाम किसान नेताओं को मिशन यूपी में सहयोग के लिए आमंत्रित किया। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी घटक संगठन एकजुटता के साथ मिशन यूपी के अन्तर्गत विधानसभा चुनाव में हराकर किसानों से वादाखिलाफी के लिए दोषी भाजपा को सजा देंगे।
राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में किसान संगठनों की साझा बैठकें, प्रेस वार्ता, रैलियां, सभाएं और घर-घर एसकेएम द्वारा जारी पर्चा के वितरण के व्यापक कार्यक्रम होंगे। मिशन यूपी के इस नए चरण की शुरुआत 3 फरवरी को प्रेस वार्ता के साथ होगी।
बैठक के दौरान बजट पर अनौपचारिक चर्चा के दौरान किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने बजट को संघर्षरत किसानों से सरकार का बदला करार दिया। बजट एमएसपी और किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के खोखले वादों को उजागर करता है।
बैठक में भाकियू (अराजनीतिक) से राजवीर सिंह जादौन, अखिल भारतीय किसान सभा से मुकुट सिंह, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा से धर्मपाल सिंह चौहान, अखिल भारतीय किसान महासभा से ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, प्रोग्रेसिव फार्मर फ्रंट से गुरमनीत सिंह मांगट, क्रांतिकारी किसान यूनियन से शशिकांत, जय किसान आन्दोलन से रंजीत वर्मा व बलवंत यादव, आल इंडिया किसान फेडरेशन से शैलेन्द्र कुमार, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा से विमल त्रिवेदी व तुहिन देव, किसान संग्राम समिति से सत्यदेव पाल, जनवादी किसान सभा से रजनीश भारती व अजय असुर, आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन से शैलेष कुमार, किसान कामगार मोर्चा से चन्द्रभान सिंह, किसान मजदूर परिषद से अफलातून व चौधरी राजेन्द्र, किसान कामगार मोर्चा से चन्द्रभान सिंह, खेत मजदूर किसान संग्राम समिति से बचाऊ राम, मजदूर किसान एकता मंच से राजेश आजाद, मजदूर किसान मंच से अजय राय व दिनकर कपूर, खेती किसानी बचाओ आन्दोलन से विक्रमा मौर्य, कृषिभूमि बचाओ मोर्चा से रामाश्रय यादव, किसान विकास मंच से रामअवध, किसान फोर्स से अखिलेश सिंह व देवेन्द्र सिंह यादव, किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा से शिवाजी राय, संगतिन किसान मजदूर संगठन से ऋचा सिंह, सोशलिस्ट किसान सभा से संदीप पांडेय, मनरेगा मजदूर यूनियन से सुरेश राठौर, इंकलाबी कामगार यूनियन से अरविन्द मूर्ति, किसान संघर्ष समिति से रमेश यादव, ग्रामीण मजदूर यूनियन से ताऊ रामसिंह, अखिल भारतीय कृषि छात्र संघ से सौरभ सौजन्य, लोक विद्या संगठन से लक्ष्मण प्रसाद मौर्य, आजादी बचाओ आन्दोलन से रामधीरज, उत्तर प्रदेश बुनकर वाहिनी से इकबाल अहमद, भारतीय किसान संगठन से राजेन्द्र यादव शामिल रहे।
बैठक का संचालन मुकुट सिंह व शशिकांत ने संयुक्त रूप से किया।
जारीकर्ता– राजवीर सिंह जादौन, मुकुट सिंह, धर्मपाल सिंह चौहान, ईश्वरीप्रसाद कुशवाहा, गुरमनीत सिंह मांगट