आज कोई प्रश्नकर्ता नहीं है! – डॉ राजेंद्र रंजन चतुर्वेदी
श्री बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय की चर्चा चल रही है, उनके गीत "वंदे मातरम्" की चर्चा चल रही है। बंकिम चट्टोपाध्याय का संदेश क्या था? क्या उनका संदेश दुर्गा की स्तुति है? वंदे मातरम् की...
नेहरू का विरोध जरुरी है या मजबूरी? – राकेश अचल
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी का ये सुझाव काबिले गौर है कि भाजपा पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर अपनी शिकायतों और नेहरू जी की गलतियों की एक फेहरिस्त बनाकर उनके बारे में एकमुश्त बहस...
अब न रेलें भरोसे की रहीं न हवाई जहाज – राकेश अचल
कहने को भारत में घरेलू विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू बाजार है। 2025 में, यह क्षेत्र प्रतिदिन लाखों यात्रियों को सेवाएं प्रदान कर रहा है।...
फैसला करो मीलार्ड – मणिमाला
बहस चलती रही बिहार में SIR हो गया। जिंदा लोग मार दिए गए। मरे जिंदा हो गए। चुनाव हो गए। कई असली मतदाता वोट नहीं डाल पाए। कई नकली वोट डाल गए। वोट डालने...
सैंया भये कोतवाल – डॉ योगेन्द्र
सुबह सूरज ठीक से उगा नहीं। सूरज पर कटे कटे बादल छाये रहे। ठंड के कारण खिड़कियां बंद रहती हैं, इसलिए चिड़िया के स्वर सुनाई नहीं पड़े। खिड़कियों में लगे शीशे के बाहर सबकुछ...
असम में चुनाव आयोग और भाजपा की जुगलबंदी – योगेंद्र यादव
कभी कभी एक छोटी से हरकत किसी व्यक्ति के चरित्र का पर्दाफाश कर देती है। ऐसा ही चुनाव आयोग के साथ हुआ। इसी २७ अक्टूबर को चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस कर देश के...
असली लोकतंत्र का दृश्य: जेसीबी में लटके युवक – डॉ योगेन्द्र
सड़क किनारे जो झुग्गियां बना कर रहते हैं, वे देश के नागरिक हैं या नहीं? क्या देश के नागरिक वहीं हैं जो मुफ्त में रोटियां तोड़ते हैं, देश का पैसा लूट कर बहुमंजिली इमारतें...
सामाजिक न्याय और जातिवाद – डॉ योगेन्द्र
बिहार चुनाव -25 ने बहुतों की कलइ खोली है। सरकार और चुनाव आयोग तो चौराहे पर नंगा खड़ा ही है, साथ ही सामाजिक न्याय की खोल में छुपे जातिवादी लोगों के कपड़े भी तार...
मुख्यमंत्री का कारुणिक अवसान बहुत कुछ कहता है – डॉ योगेन्द्र
ठंड हल्की फुल्की ही है। शीशे की खिड़कियों से आम के पेड़ों पर चिड़िया बैठी दिखाई दे रही है। सूरज उग कर पूरब क्षितिज पर दस्तक दे रहा है। जहां मैं हर सुबह टहलता...
बिहार का नया मंत्रिमंडल और परिवारवाद – परिचय दास
बिहार में नवम्बर , 2025 में बने नए मंत्रिमंडल की गंभीर विश्लेषण यह दर्शाता है कि पारिवारवाद (डायनैस्टिक पॉलिटिक्स) और वंशवाद की राजनीति इस सरकार की संरचना में एक स्पष्ट कारक है — और...
















