सामाजिक एवं धार्मिक क्रांतियों के बाद ही राजनीतिक क्रांतियां होती हैं
— विनोद कोचर —
डॉ भीमराव आंबेडकर ने अपनी ऐतिहासिक महत्व की किताब, 'जातिभेद का उच्छेद' में प्रमाण सहित ये दावा किया है कि, "...इतिहास इस सिद्धांत का समर्थन करता है कि सामाजिक एवं धार्मिक...
नरम हिंदुत्व कार्ड
— विनोद कोचर —
नरम हिंदुत्व'का जो कार्ड, कांग्रेस उत्तर भारत मे खेल रही है, उसमें लोहिया वादी सर्वसमावेशी, धर्मनिरपेक्ष,जाति और पंथ निरपेक्ष उदार हिंदुत्व का कोई भी लक्षण नजर नहीं आता।इसका दूरगामी दुष्परिणाम कांग्रेस...
क्या समाज ने राजनीति को अत्यधिक महत्त्व दे रखा है?
— परिचय दास —
।। एक।।
राजनीति का समाज में महत्त्व एक जटिल और गहराई से जुड़ा हुआ मुद्दा है, जो सदियों से हमारे सामाजिक ढांचे और संस्कृति का हिस्सा रहा है। राजनीति केवल सत्ता और...
महाराष्ट्र में जनादेश को कब्जाया, महायुति की सरकार अवैधानिक : डॉ सुनीलम
भाजपा ने देश में तथा महायुति ने महाराष्ट्र में विधायिका पर कब्जा करने के लिए कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया का दुरुपयोग किया है। लोकतंत्र के चारों स्तंभों को जनांदोलन के माध्यम से ही दुरुस्त...
यूपी की बौद्धिकता ने हिंदुत्व को वॉकओवर कैसे दिया
— चंद्रभूषण —
कोई समय था जब उत्तर प्रदेश का कोई छोटा-मोटा बुद्धिजीवी भी ‘यूपी का बौद्धिक’ जैसी किसी संज्ञा को अपने लिए गाली मानता था। क्या नेहरू जी, इंदिरा जी या गोविंद वल्लभ पंत...
राजेंद्र शर्मा के तीन लघु व्यंग्य
1. ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे
आखिरकार, डोनाल्ड ट्रंप जी की व्हाइट हाउस में वापसी हो गयी। क्यों न होती। आखिरकार, मोदी जी के दोस्त हैं और वह भी पक्के वाले। उनकी भी घर वापसी...
बांटकर ही काटने की साजिश रचने वाले सावरकर के चेले अब ‘बंटेंगे तो कटेंगे’...
— विनोद कोचर —
वीर सावरकर: द मैन हू कुड हैव प्रिवेंटेड पार्टिशन' या 'वीर सावरकर: वह शख्स जो बंटवारे को रोक सकते थे' को उदय माहुरकर और चिरायु पंडित ने लिखा है. उदय माहुरकर...
पेंटिंग की वजह से हुसैन को छोड़ना पड़ा आदेश
— विनोद कोचर —
फ्रांस में हजरत पैगम्बर के कार्टून से उपजे आक्रोश के बाद घटी हिंसक घटनाओं, फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा कार्टून बनाने वाले के समर्थन में दिये गए बयान और अन्य देशों में...
बटेंगे तो कटेंगे !
— विनोद कोचर —
बटेंगे तो कटेंगे' का चुनावी नारा लगाकर हिन्दू वोटों को अपने पाले में खींचने की हताशाजनक कोशिश करने वाली संघी/भाजपाई गैंग को अगर अपने खुद के गिरेबान में झांकने से परहेज...
क्या 1962,1965, 1971 और 1999 के युद्धों में भारत की सेना ने अपनी अटूट...
— विनोद कोचर —
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के अपने भाषण में ये कहकर कि, "हमारी सेना की अटूट देशभक्ति व अद्भुत वीरता, हमारी सरकार का स्वाभिमानी रवैया तथा देश के लोगों का...