उप्र में मस्जिदों को तिरपाल से ढँकने का फ़ैसला किसका था?
— रमाशंकर सिंह —
उप्र में मस्जिदों को तिरपाल से ढँकने का फ़ैसला किसका था?
क्या यूपी सरकार ने कैसा भी अलिखित दवाब बनाया?
अगर ऐसा होता तो सभी मस्जिदें ढँकी नहीं गयीं।
क्या मौलवियों...
वैदिक काल और कुंभ !
— महेश विक्रम —
वैदिक काल से कुंभ का कोई संबंध बनता ही नहीं, प्रयाग के संगम का परिचय ही उसके बाद हुआ, तीर्थों और संगमों पर स्नान की परंपरा ही गुप्त काल से विकसित...
सावरकर की असली हकीकत पर
— पंकज श्रीवास्तव —
विनायक दामोदर सावरकर की ‘वीरता’ पर सवाल उठाने वाले राहुल गाँधी न सिर्फ़ बीजेपी के निशाने पर हैं, बल्कि इस मसले पर उन्हें तमाम क़ानूनी दिक़्क़तों का सामना भी करना पड़...
कुंभ में मृत्यु स्नान और संघ
— जागृति राही —
अखाड़ों से लेकर बाबाओं के आश्रम बड़ी सी जमीन पर काबिज हैं वीआईपी लोगों के लिए सारी व्यवस्था बना रखी थी, पुल तक श्रद्धालुओं के लिए बंद थे , 144 साल...
जागो नहीं तो असमानता और कुचलेगी
— अरुण कुमार त्रिपाठी —
प्रयागराज में मौनी अमावस्या की रात को जो कुछ हुआ वह दुःखद भी है और दर्दनाक भी। लेकिन वह भेदभाव, गैरबराबरी, असमानता और अहंकार के जिस सोच के तहत हुआ...
कर्पूरी ठाकुर : सामाजिक न्याय और समाजवाद का संगम
— प्रो. अजीत झा —
कुछ नेताओं का राजनीतिक पुनर्जन्म उनकी मृत्यु के बाद भी होता है। बाबा कु साहब अंबेडकर अपने जीवन काल में एक महत्वपूर्ण नेता थे। पर आज उनका राजनीतिक कद और...
दिल्ली विधानसभा दंगल जारी है!
— प्रोफेसर राजकुमार जैन —
दिल्ली विधानसभा के चुनाव का शोरगुल उफ़ान पर है। विचारधारा, सिद्धांत, नीति की जगह कपड़ा बदलने की तरह सियासत का हल्ला चारों तरफ सुनाई दे रहा है। पता नहीं कौन...
लोकपुरुष मंडल मसीहा शरद यादव: क्या भूलूं क्या याद करूं
— डॉ. जयन्त जिज्ञासु —
इस देश के वंचितों के लिए 43 वर्षों तक अनवरत संसद में आवाज़ बुलंद करने वाले, आज़ाद भारत में साढ़े चार साल जेल की यातना भोगने वाले, ज़ोर-ज़ुल्मत-वर्चस्व के ख़िलाफ़...
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा : एक विश्लेषण
— परिचय दास —
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा कनाडा की राजनीति में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ है, जिसका प्रभाव घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर महसूस किया जाएगा। ट्रूडो, जो 2015 में लिबरल...
क्या नीतीश-केजरी की राजनीति खत्म होने वाली है?
— श्रवण गर्ग —
भविष्यवाणी की जा सकती है कि विपक्ष की राजनीति में नया साल सिर्फ़ दो नेताओं के ‘निर्मम’ चमत्कारों की बलि चढ़ने वाला है। नए साल में इन दो नेताओं की सफलता-असफलता...